देशभर में कोरोना का तांडव जारी है। इस बीच ख़बर मिल रही है कि देश की पहली कोरोना वैक्सीन 73 दिनों में बाजार में आ जाएगी। इस वैक्सीन को कोवीशील्ड नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि भारतीयों को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकार लोगों को मुफ्त में टीका लगवाएगी। सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की संपत्ति होगी, क्योंकि कंपनी ने इसे भारत और 92 अन्य देशों में बेचने और इसके अधिकार खरीदने के लिए एस्ट्रा जेनेका के साथ एक विशेष समझौता किया है।
केंद्र सरकार ने दिए संकेत
इससे पहले केंद्र सरकार ने एसआईआई से खुद वैक्सीन खरीदने के संकेत दिए थे। ताकि लोगों को मुफ्त में इसकी खुराक दी जा सके। जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अगले साल जून तक सीरम इंस्टीट्यूट से 130 करोड़ भारतीय नागरिकों के लिए 68 करोड़ खुराक की मांग की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ’देश के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं और उम्मीद है कि दो माह में ट्रायल पूरा हो जाएगा। वैक्सीन इसी साल लोगों को मिल जाएगी। क्लीनिकल ट्रायल अंतिम चरण में है और तीन व्यक्ति क्लीनिकल टेस्ट के तीसरे चरण में भी पहुंच चुके हैं।’
दो महीने में पूरा होगा ट्रायल
इसके अलावा डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि वैक्सीन बनाने के लिए करीब 150 से ज्यादा लोगों पर अलग-अलग फेज में ट्रायल चल रहा है। वहीं 26 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इसमें तीन लोग क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच चुके हैं। देश ट्रायल में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि दो महीने में ट्रायल पूरा हो जाएगा और लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन मिल जाएगी।
परीक्षण प्रोटोकॉल प्रक्रियाओं में सहायता
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसआईआई के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने हमें 'विशेष विनिर्माण प्राथमिकता लाइसेंस' और 58 दिनों में परीक्षण पूरा करने के लिए परीक्षण प्रोटोकॉल प्रक्रियाओं में सहायता की। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पहली खुराक आज से अंतिम चरण में हो रही है और दूसरी खुराक 29 दिनों के बाद होगी। अंतिम परीक्षण डाटा दूसरे खुराक से 15 दिनों बाद सामने आ जाएगा। उस समय तक, हम 'कोवीशील्ड' का व्यवसायीकरण करने की योजना बना रहे हैं।