पीएम नरेंद्र मोदी ने असम के धीमाजी में कई परियोजनाओं की शिलान्यास किया और असम के लोगों को संबोधित किया। पीएम सोमवार को असम और पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं जहां पर कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। असम में पीएम ने कहा कि जिन लोगों ने दशकों तक देश में राज किया, उन्होंने दिसपुर को दिल्ली से दूर मान लिया। इस सोच की वजह से असम का बहुत नुकसान हुआ। लेकिन अब दिल्ली दूर नहीं है, दिल्ली आपके दरवाजे पर खड़ा है।
टी गार्डन्स की भूमिका का जिक्र
मोदी ने 3000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि असम की अर्थव्यवस्था में नॉर्थ बैंक के टी-गार्डन्स की भी बहुत बड़ी भूमिका है। इन टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहनों का जीवन आसान बने, यह भी हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जितना आजादी के बाद से खर्च नहीं हुआ, उससे ज्यादा अब हमारी सरकार खर्च कर रही है। मछली व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है, इसका लाभ असम के लोगों को भी मिलेगा। किसानों को संदेश देते हुए मोदी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से इस क्षेत्र की जमीन बहुत ही उपजाऊ रही है। यहां के किसान अपने सामर्थ्य को बढ़ा सकें, उन्हें खेती की आधुनिक सुविधाएं मिल सकें, उनकी आय बढ़े, इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही हैं।
नई शिक्षा नीति से असम में होगा फायदा
पीएम ने अपने संबोधन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र असम के संदर्भ में किया और कहा कि असम सरकार यहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है। आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियर्स का लोहा मान रही है। इस नई शिक्षा नीति का लाभ असम को, यहां के जनजातीय समाज को, चाय बागान में काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों को सबसे ज्यादा होने वाला है। उन्होंने बताया कि बेटियों के लिए विशेष कॉलेज हों, पॉलिटेक्निक हो या दूसरे संस्थान, असम की सरकार इसके लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है।
युवाओं में अदुभुत क्षमता
पीएम ने युवाओं के बारे में भी बात की और कहा कि असम के युवाओं में तो अद्भुत क्षमता है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी जान से जुटी है। असम सरकार के प्रयासों के कारण ही आज यहां 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हो चुके हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है। आज देश में जो गैस पाइपलाइन का नेटवर्क तैयार हो रहा है, देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है, हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइप लगाया जा रहा है, वह भारत मां की नई भाग्य रेखाएं हैं। इन सारे प्रोजेक्ट्स से असम और नार्थ ईस्ट में लोगों का जीवन आसान होगा और नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सुविधाओं से बढ़ता है आत्मविश्वास
मोदी ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को उसकी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, तो उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। बढ़ता हुआ ये आत्मविश्वास क्षेत्र का भी और देश का भी विकास करता है।आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थ्य, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है। बीते वर्षों में हमने भारत में ही, रिफाइनिंग और इमरजेंसी के लिए ऑयल स्टोरेज कैपेसिटी को काफी ज्यादा बढ़ाया है।सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही हमारी सरकार ने इस भेदभाव को दूर किया है।
पहले हुआ असम से सौतेला व्यवहार
पीएम ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि आज असम को तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के एनर्जी और एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के नए उपहार मिल रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में भरपूर सामर्थ्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया। यहां कि कनेक्टिविटी, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, उद्योग पहले की सरकार की प्राथमिकता में नहीं थे। ब्रह्मपुत्र के इसी नॉर्थ बैंक से, आठ दशक पहले असमिया सिनेमा ने अपनी यात्रा, जॉयमती फिल्म के साथ शुरू की थी। इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाले अनेक व्यक्तित्व दिए हैं। अपनी पिछली यात्रा को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जब मैं यहां गोगामुख में इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करने आया था, तो मैंने कहा था कि नार्थ ईस्ट भारत की ग्रोथ का नया इंजिन बनेगा। आज हम इस विश्वास को हमारी आंखों के सामने धरती पर उतरता देख रहे हैं।