लोकसभा में बीजेपी का सांसदों में भोला सिंह को काफी एक्टिव माना जाता है। यूपी के बुलंदशहर से सत्ताधारी पार्टी के सांसद भोला सिंह की लोकसभा और क्षेत्र की परफॉर्मेंस को जब पार्लियामेंट्री बिजनेस की टीम ने खंगाला, तो वह दोनों ही सेगमेंट में बेहतर साबित हुए। लोकसभा में उपस्थिति की बात करें, तो भोला सिंह अब 98 दिन के कामकाज में 97 दिन लोकसभा में उपस्थित रहे हैं। वह सदन में उपस्थिति को लेकर खासे गंभीर रहते हैं और कोशिश करते हैं कि अधिक से अधिक दिनों में बतौर सांसद लोकसभा में उपस्थित रहें। पार्लियामेंट्री बिजनेस पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, भोला सिंह की अटेडेंस 98.98 प्रतिशत रही है। लोकसभा में अटेंडेंस के मामले में भोला सिंह दूसरे स्थान पर मौजूद हैं।
लोकसभा में पूछे कुल191 सवाल
लोकसभा में सवाल पूछने का मामला हो, तो बीजेपी का यह तेजतर्रार सांसद काफी आगे दिखाई पड़ता है। भोला सिंह की ओर से लोकसभा में 191 सवाल पूछे गए हैं। भोला सिंह बतौर सांसद लोकसभा में अधिकतम 415 सवाल पूछ सकते थे यानी उन्होंने अपने कोटे के 46 फीसदी से अधिक सवाल सदन में पूछे हैं। उन्होंने नेताजी की जयंती मनाने के लिए राष्ट्रीय समिति का गठन, एक भारत श्रेष्ठ भारत, टीवी प्रोग्राम रेटिंग सिस्टम, वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग, ई-संजीवनी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं जैसे अमह मसलो पर सवाल किए हैं। सावल पूछने के मामले में उनकी रैंकिंग 15 है। यानी वह सभी लोकसभा सांसदों में सवाल पूछने के मामले में 15वें स्थान पर हैं।
लोकसभा में डिबेट्स में रहते हैं पीछे
सवाल पूछने के बाद एक और अहम काम सासंदों के जिम्मे होता है, डिबेट्स में भाग लेना। संसद के दोनों सदनों में देश के सामने मौजूद अहम मुद्दों और सरकार के कामकाज से जुड़े विषयों पर बहस होती है। सांसद इन बहसों में भाग लेते हैं और सदन को अपने विचारों से अवगत कराते हैं। लोकसभा में हुई डिबेट्स की बात करें, तो बीजेपी का यह सांसद थोडा पीछे दिखाई पड़ता है। सांसद भोला सिंह की ओर से 331 कसभा डिबेट्स में से 10 डिबेट्स में भाग लिया गया है। यानी उन्होंने कुल डिबेट्स की केवल 3.06 परसेंट डिबेट्स में भाग लिया है। इसमें उनकी रैंकिंग 49वीं है जिसे खराब कहा जा सकता है।
प्राइवेट मेंबर बिल भी नहीं लाए बीजेपी सांसद
प्राइवेट मेंबर बिल के मामले में सांसद भोला सिंह बहुत पीछे हैं। बीजेपी सांसद की ओर से लोकसभा में अभी तक कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नही किया गया है। इस मामले में उनकी रैंकिंग शून्य है। प्राइवेट मेंबर बिल वह बिल होता है, जिसे सरकार के मंत्रियों के अलावा लोकसभा का कोई भी सांसद पेश कर सकता है। अगर किसी सांसद को लगता है कि किसी अहम मुद्दे पर बिल लाया जाना चाहिए, तो वह एक सांसद की हैसियत से लोकसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर सकता है। सदन इन बिलों पर विचार करता है औऱ उसी के बाद यह बिल या तो स्वीकृत किए जा सकते हैं या अस्वीकृत।
एमपी लैड खर्च करने में आगे
लोकसभा में अटेंडेंस और सवालों के बाद अगर भोला सिंह बतौर सांसद किसी क्षेत्र में काफी आगे दिखते हैं, तो वह है एमपी लैड फंड के जरिए क्षेत्र का विकास कराने में। भोला सिंह ने अपने एमपी लैड फंड से करीब 2 करोड 68 लाख रुपए अब तक खर्च किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, सांसद भोला सिंह ने अपने एमपी लैड फंड का करीब 53.6 प्रतिशत हिस्सा अपने संसदीय क्षेत्र बुलंदशहर के विकास के कार्यों में खर्च किया है। एमपी लैड फंड खर्च करने में बीजेपी सांसद की रैंकिंग 34वीं है जिसे काफी बेहतर कहा जा सकता है।
कल्याण सिंह के करीबी हैं भोला सिंह
भोला सिंह के निजी जीवन की बात करें, तो भोला सिंह का जन्म 10 सितंबर 1977 को बुलंदशहर के गांव बोहिच में हुआ। उनके पिता का नाम किशन पाल सिंह और माता का नाम मल्लो देवी है। भोला सिंह ने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। उनकी शादी 6 मई 2002 को अनुराधा सिंह से हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। पत्नी और बच्चे दिल्ली में रहते हैं। चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र के अनुसार, भोला सिंह की कुल संपत्ति 1.87 करोड़ रुपए है। राजनीतिक जीवन की बात करें, तो भोला सिंह पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज बीजेपी नेता कल्याण सिंह के करीबी माने जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि बुलंदशहर में कल्याण सिंह के आशीर्वाद के बिना किसी का बेड़ा पार नही होता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भोला सिंह को 6 लाख 4 हजार 449 वोट मिले थे। भोला सिंह लगभग 5 लाख वोट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भोला सिंह को करीब 6 लाख 81 हजार वोट मिले।