चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले साल से जारी गतिरोध के बीच चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई वार्ताएं हुईं, लेकिन अब तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि बातचीत के दौरान भारत ने ड्रैगन को चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए तीन सिद्धांतों को सुझाया है।
क्या हैं वो तीन सिद्धांत
1. दोनों पक्षों द्वारा एलएसी को माना जाए और उसका आदर किया जाए
2. किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा स्थिति को बदलने का प्रयास न किया जाए
3. सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए
फिंगर 8 से पीछे हटने को तैयार हुई चीनी सेना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि मुझे ये बात बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी बातचीत के फलस्वरूप चीन के साथ पैंगोंग झील के दक्षिण और पश्चिमी किनारे पर चीनी सेना के पीछे हटने का समझौता हो गया है। समझौते के मुताबिक दोनों पक्ष फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट को चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से हटाएंगे। उन्होंने कहा, 'पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के मुताबिक चीन अपनी सेना को फिंगर 8 से पूर्व की ओर रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना को फिंगर 3 के पास अपने परमानेंट बेस पर रखेगा।'
पाकिस्तान को लेकर बोले राजनाथ
लद्दाख की ग्राउंड सिचुएशन से अवगत कराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने अवैध तरीके से लद्दाख के अंदर हमारे 1962 से ही 38 हजार वर्ग किलो मीटर पर कब्जा बना रखा है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अवैध तरीके से पाक अधिकृत कश्मीर में भारत की लगभग 5180 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दिया है। इस प्रकार 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भारत की भूमिक पर अवैध तरीके से कब्जा है। साथ ही मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है । सदन को यह जानकारी भी देना चाहता हूं कि अभी भी LAC पर डिप्लॉयमेंट और पेट्रोलिंग के बारे में कुछ मुद्दे बचे हैं। इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा”।
राहुल गांधी ने किया पलटवार
राज्यसभा में दी गई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी पर राहुल गांधी ने पलटवार किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, " वर्तमान स्थिति की कोई जानकारी नहीं, न कोई शांति और शांतिपूर्ण माहौल। इसके साथ ही राहुल गांधी ने पूछा कि सरकार हमारे बहादुर जवानों के बलिदान का अपमान क्यों कर रही है और हमारी जमीन क्यों जाने दे रही है?"